श्री काशी विश्वनाथ महात्म्य
रिपोर्ट : प्रदीप शुक्ल, ब्यूरो चीफ – यूटीवी खबर
1. सम्पूर्ण जीवन में विश्व भर के समस्त लिंगो की आराधना करने से जो पुण्य मुश्किल से मिलता है, वही पुण्य श्रद्धापूर्वक एक बार भी विश्वेश्वर की पूजा करने से तुरंत मिल जाता है।
2. ज़ब हजारों जन्मों के कमाए हुवे पुण्य इकट्ठे होतें हैं, तब उन्ही के बदले में विश्वनाथ का दर्शन प्राप्त होता है।
3. विधानयुक्त करोड़ों गौदान करने से जो फल मिलता है, भगवान विश्वेश्वर विश्वनाथ के दर्शन से वही पुण्य प्राप्त होता है।
4. महर्षियों ने षोडशविध महादानो से जो पुण्य कहा है, वही पुण्य भगवान विश्वेश्वर पर पुष्प चढ़ा देने से मिल जाता है।
5. अश्वमेध इत्यादि समस्त यज्ञ करने से जो फल होता है, वही फल श्री काशी विश्वनाथ जी को पंचामृत से स्नान कराने से मिल जाता है।
6. हजारों वजपेय यज्ञ करने से जो पुण्य मिलता है, उसका सौ गुणा फल विश्वनाथ जी को उत्तम नैवेद्य लगाने से मिलता है।
7. जो कोई ध्वजा, छत्र,चामर इत्यादि से श्री काशी विश्वनाथ को सुसज्जित करता है, वह भूमण्डल में एकछत्र राज्य का भोग पाता है।
8. भगवान विश्वनाथ की महापूजा की सामग्री जो कोई चढ़ाता है, उसे इस संसार में कहीं पर किसी संपत्ति का अभाव नही होता।
9. इसी भांति जो मनुष्य विश्वनाथ के दूधस्नान के लिए धेनु को अर्पण करता है या नित्य गौ के दूध की व्यवस्था करता हैं , उसके पूर्व पुरुष लोग क्षीरसागर के तट पर निवास करने लगते हैं।
10. विश्वनाथ जी के मंदिर पर जो रंग एवं चित्रकारी बनवाये, तोह कैलाश में उसको चित्रों से विभुषित भवन मिलता है।
11. श्री काशी विश्वनाथ जी के पास में केवल रूद्रसूक्त के ही पाठ करने से समग्र वेदअध्ययन का पुण्य प्राप्त होता है।
यह सम्पूर्ण पंक्तिया स्कन्दपुराण के काशी खण्ड से ली गईं हैं।